Answer :
तीसरे दोहे में कवि सांसारिकता और मोह माया की बात करते हुए कहता है कि पृथ्वी पर मनुष्य वेफिजूल की सुविधाओं और संसाधनों का संग्रह करता रहता है और ऐसा करते हुए वह अपनी जिंदगी गुजार देता है| कवि कहता है कि मनुष्य को सांसारिकता और भेदभाव रहित सच्चे ज्ञान की प्राप्ति को ही अपना मूल उद्देश्य बनाना चाहिए| यही सच्चा ज्ञान उसके जीवन को सार्थक बना सकता है|
Rate this question :
How useful is this solution?
We strive to provide quality solutions. Please rate us to serve you better.
Try our Mini CourseMaster Important Topics in 7 DaysLearn from IITians, NITians, Doctors & Academic Expertsview all courses
Dedicated counsellor for each student
24X7 Doubt Resolution
Daily Report Card
Detailed Performance Evaluation