Answer :
गोपियों ने श्रीकृष्ण के प्रति अपने अनन्य प्रेम को प्रकट करते हुए कहा कि-
(क) हमारा श्रीकृष्ण के प्रति स्नेह-बंधन गुड़ से चिपटी हुई चींटियों के समान है। जो गुड़ यानि की श्री कृष्ण प्रेम में लीन होकर उस पर चिपट जाती है और फिर स्वयं को छुड़ा न पाने के कारण वहीँ प्राण त्याग देती है।
(ख) गोपियाँ स्वयं को हारिल पक्षी और श्रीकृष्ण को लकड़ी की भांति बताती है। हारिल पक्षी सदैव अपने पंजे में कोई लकड़ी या तिनका पकड़े रहता है। उसे किसी भी दशा में नहीं छोड़ता। ठीक उसी प्रकार गोपियाँ भी श्री कृष्ण को पकड़े रहना चाहती है, कहीं जाने नहीं देना चाहती।
(ग) गोपियाँ कहती हैं कि वह मन, कर्म और वचन सभी प्रकार से कृष्ण के प्रति समर्पित हैं। उन्होंने श्री कृष्ण को दृढ़तापूर्वक अपने हृदय में बसा लिया है।
(घ) गोपियाँ सोते-जागते, दिन-रात हमेशा सिर्फ और सिर्फ श्री कृष्ण नाम की रट लगाती रहती हैं।
(च) गोपियाँ कहती हैं, हमें योग-संदेश तो कड़वी ककड़ी की तरह प्रतीत होता है। हमें योग सन्देश नहीं बल्कि कृष्ण प्रेम चाहिए।
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NCERT Hindi - क्षितिज भाग 2<span lang="EN-US
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NCERT Hindi - क्षितिज भाग 2